जानिए भारत में क्यों बार-बार आता है बर्ड फ्लू

देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बर्ड फ्लू की वजह से केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से इसके प्रसार को रोकने के लिए तत्काल हर संभव कदम उठाने को कहा है। केंद्र ने चेतावनी दी है कि यह फ्लू इंसानों और अन्य पालतू पशु पक्षियों में फैल सकता है। सवाल ये उठता है कि भारत में अक्सर बर्ड फ्लू (Bird Flu News) क्यों आ जाता है?
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बर्ड फ्लू यानी एवियन इंफ्लूएंजा भारत समेत पूरी दुनिया में कई दशकों से फैल रहा है। भारत में इसका पहला हमला साल 2006 में हुआ। उस समय से लेकर अबतक भारत में बर्ड फ्लू के चार बड़े हमले हुए। पहला हमला साल 2006 में, दूसरा हमला साल 2012 में, तीसरा हमला साल 2015 में और चौथा हमला साल 2021 में।
ठंड में फैलता है फ्लू (Bird Flu News)
भारत में बर्ड फ्लू हमेशा साल के अंत महीनों यानी ठंडी के मौसम में ही फैलता आया है। इसके संक्रमण के अधिकांश मामले सितंबर या अक्टूबर से फरवरी-मार्च के बीच सामने आते हैं। आपको बता दें कि भारत में भारत में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने के दो मुख्य वजह है, पहला प्रवासी पक्षियों द्वारा और दूसरा संक्रामक वस्तुओं के माध्यम से।
प्रवासी पक्षियों की वजह से फैलता है फ्लू (Bird Flu News)
पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के मुताबिक भारत में बर्ड फ्लू का ज्यादातर संक्रमण प्रवासी पक्षियों के वजह से ही फैलता है। इसके बाद संक्रामक वस्तुओं से, जैसे कोई व्यक्ति, कपड़ा, सामान, खाने-पीने की वस्तुएं संक्रमित इलाके से देश के अंदर आई हों। हालांकि, भारत सरकार ने साल 2005 में ही बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए एक्शन प्लान बना लिया था। तब से इसी प्लान को अपडेट कर फॉलो किया जाता है।
ऐसा होता है बर्ड फ्लू का खतरा
बर्ड फ्लू से संक्रमित पहला इंसान साल 1997 में मिला था, जबकि इंसानों से इंसानों को बर्ड फ्लू होने का पहला मामला साल 2003 में चीन में सामने आया था। उससे पहले इंसानों के एक दूसरे के संपर्क में आने से एच7एन9 (H7N9) वायरस के संक्रमण के कोई सबूत नहीं मिले थे। सिर्फ पक्षियों के साथ सीधे संपर्क में आने से इंसानों में बर्ड फ्लू संक्रमण का खतरा होता था।
इंसानों के लिए जानलेवा
बर्ड फ्लू वायरस पक्षियों और मुर्गियों के लिए तो जानलेवा होता ही है, साथ ही यह इंसानों के लिए भी जानलेवा है। इंसानों में बर्ड फ्लू से संक्रमण का पहला मामला साल 1997 में हांगकांग में सामने आया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तब से लेकर अब तक इससे संक्रमित होने वाले करीब 60 फीसदी लोगों की मौत हो चुकी है। इसलिए कोरोना की तरह इस वायरस से भी लोगों को बचकर रहने की जरूरत है।