Responsive Ad Slot

Latest

latest
lockdown news

महासमुंद की खबरें

महासमुंद की खबर

रायगढ़ की ख़बरें

raigarh news

दुर्ग की ख़बरें

durg news

जम्मू कश्मीर की ख़बरें

jammu and kashmir news

VIDEO

Videos
top news


 

मुंगेली में आबकारी विभाग की कार्रवाई, 7.5 लीटर अवैध शराब जब्त

No comments

रायपुर। कलेक्टर कुन्दन कुमार के निर्देश पर जिले में अवैध शराब के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में आबकारी विभाग ने 12 जून को ग्राम सिलौटी में दबिश देकर 7.5 लीटर अवैध कच्ची शराब जब्त की।

जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई विशेष अभियान के तहत की गई, जिसका उद्देश्य अवैध शराब के निर्माण और बिक्री पर नियंत्रण पाना है। विभागीय टीम ने मौके पर पहुंचकर शराब के अवैध कारोबार को रोकने की दिशा में कार्रवाई की है।  आरोपी के विरुद्ध छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

विभाग ने आम जनता से अपील की है कि यदि उन्हें किसी प्रकार की अवैध शराब निर्माण, संग्रहण या विक्रय की जानकारी मिले, तो तत्काल विभाग को सूचित करें, जिससे समय पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके। यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा और अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई  की जाएगी।

मुख्यमंत्री के हाथों मिलेगा श्रमिकों के 31 मेधावी बच्चों को 2-2 लाख की प्रोत्साहन राशि

No comments

रायपुर। मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत बोर्ड परीक्षा में कक्षा दसवीं और बारहवीं के टॉप 10 में आए पंजीकृत श्रमिकों के कुल 31 मेधावी छात्र छात्राओं को प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा 15 जून को न्यू सर्किट हाउस में आयोजित कार्यक्रम में दो-दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस मौके पर श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन और छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. राम प्रताप सिंह भी उपस्थित रहेंगे।

श्रम मंत्री देवांगन ने बताया कि मंडल के प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल में 10वीं कक्षा के 26 और 12वीं कक्षा के 5 बच्चों सहित कुल 31 श्रमिक बच्चों को 2 लाख रूपए प्रति छात्र दिए जाएंगे. इसमें 1 लाख रूपए दोपहिया वाहन के लिए और 1 लाख रूपए नकद प्रोत्साहन राशि के रूप में शामिल है। इसी तरह में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल ने राज्य के 38200 निर्माण श्रमिकों के लिए 19.71 करोड़ रूपए से ज्यादा की सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में डीबीटी की जायगी।  यह राशि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत प्रदान की जाएगी।

योजनाओं और उनके लाभार्थियों की संख्या और राशि का विवरण इस प्रकार है -

मिनीमाता महतारी जतन योजना 1,915 श्रमिकों को 3.83 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना 279 श्रमिकों को 10.33 लाख रूपए, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना 6,319 श्रमिकों को 2.19 करोड रूपए, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना 12 श्रमिकों को 94 हजार 800 रूपए, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना 4,825 श्रमिकों को 96.17 लाख रूपए, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना 155 श्रमिकों को 37.63 लाख रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक दीर्घायु सहायता योजना 2 श्रमिकों को 40 हजार रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना 4,939 श्रमिकों को 74.08 लाख रूपए,

निर्माण श्रमिकों के बच्चे हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना 1 श्रमिक को 50 हजार रूपए, दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना 7 श्रमिकों को 7 लाख रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना 264 श्रमिकों को 2.64 करोड रूपए़, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना 2,486 श्रमिकों को 4.97 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना 372 श्रमिकों को 74.40 लाख रूपए, निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी हेतु सहायता राशि योजना 15,066 श्रमिकों 2.00 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना 25 श्रमिकों को 25 लाख रूपए यह पहल राज्य के निर्माण श्रमिकों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

बस्तर में बदल रही तस्वीर, नक्सल हिंसा की जगह अब छाई खुशियां

No comments

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में, जहां कभी गोलियों की गूुज सुनाई देती थीं, वहां अब हर जगह खुशी और उल्लास की गूंज सुनाई देती है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन और छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति व नियद नेल्लानार योजना के प्रभाव से माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटे युवक-युवतियों और नक्सल पीड़ितों ने नई जिंदगी की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत बस्तर संभाग में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह इस बदलाव के साक्षी बने हैं।

सुकमा के मिनी स्टेडियम में 13 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में दो आत्मसमर्पित नक्सली जोड़ों मौसम महेश-हेमला मुन्नी और मड़कम पाण्डू-रव्वा भीमे ने वैदिक रीति-रिवाजों के साथ विवाह रचाया। ये चारों जून 2024 में नक्सल संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण कर चुके थे। मुख्यमंत्री ने नवदंपतियों को आशीर्वाद देते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर साय ने सुकमा जिले को 206 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात भी दी। नवदंपतियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की जनहितैषी नीतियों और पुनर्वास योजनाओं ने उन्हें हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और विकास की राह अपनाने के लिए प्रेरित किया।

दंतेवाड़ा में 220 जोड़ों का सामूहिक विवाह, पूवर्ती की नक्सल पीड़िता ने जवान संग रचाई शादी


दंतेवाड़ा के मेंढका डोबरा में मंदिर परिसर में 20 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 220 जोड़ों ने परिणय सूत्र में बंधकर गृहस्थ जीवन शुरू किया। इनमें पूवर्ती गांव की एक नक्सल पीड़िता और वहां तैनात जवान का जोड़ा भी शामिल था। पूवर्ती, जो कभी खूंखार नक्सली हिड़मा और देवा का गढ़ था, अब सरकार की योजनाओं और सुरक्षा बलों की मौजूदगी से भयमुक्त होकर खुशहाली की ओर अग्रसर है। नियद नेल्लानार योजना के तहत धुरली गांव के दो जोड़ों सीमा भास्कर-रमेश भास्कर और सुंदरी तेलाम-धन्नु कुंजाम ने भी विवाह रचाया। सभी नवदंपतियों के बैंक खातों में 35 हजार रुपये की राशि हस्तांतरित की गई।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना: निर्धन परिवारों का सहारा

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना ने बस्तर के निर्धन परिवारों को नया जीवन दिया है। योजना के तहत प्रत्येक जोड़े को 50 हजार रुपये की सहायता दी जाती है, जिसमें 35 हजार रुपये सीधे वधु के खाते में हस्तांतरित होते हैं। विष्णु देव साय सरकार के कार्यकाल में अब तक 15 हजार से अधिक जोड़ों का विवाह इस योजना के तहत संपन्न हो चुका है।

बस्तर में शांति और विकास की नई इबारत

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल विरोधी कार्रवाइयों और कल्याणकारी योजनाओं ने बस्तर के ग्रामीणों का हौसला बढ़ाया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार, आवास और आर्थिक सहायता के माध्यम से सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल रहा है। बस्तर संभाग के इन विवाह समारोहों ने साबित कर दिया कि प्यार, विश्वास और सहानुभूति से हिंसा और नफरत को हराया जा सकता है। बस्तर अब नक्सलवाद के अंधेरे से निकलकर शांति, प्रेम और विकास की रोशनी में चमक रहा है।


सीमा की सुरक्षा प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य: राज्यपाल रमेन डेका

No comments

रायपुर। राज्यपाल रमेन डेका गत दिवस बिहार राज्य के दरभंगा में राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ द्वारा ‘‘सीमा सुरक्षा हम सब की जिम्मेदारी‘‘ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जिसकी सीमाएँ हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर हिंद महासागर की गहराइयों तक फैली हुई हैं। सीमा की सुरक्षा केवल सैनिकों और सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।

राज्यपाल डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि सीमा की रक्षा राष्ट्रीय एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने का आधार है। सीमा की सुरक्षा, देश की आंतरिक और बाह्य स्थिरता के लिए आवश्यक है। यह न केवल बाहरी खतरों जैसे आतंकवाद, घुसपैठ और तस्करी से रक्षा करती है, बल्कि देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित करती है। भारत की सीमाएँ, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ साझा की जाती हैं, और प्रत्येक सीमा की अपनी अनूठी चुनौतियाँ हैं।

डेका ने कहा कि हमारे सैनिक, प्राणों की बाजी लगाकर सीमा की सुरक्षा करते हैं लेकिन उनकी यह जिम्मेदारी तब और प्रभावी होती है, जब समाज और नागरिक उनका साथ देते हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं और स्थानीय प्रशासन या सुरक्षा बलों को सूचित कर सकते हैं। असामान्य गतिविधियों, जैसे तस्करी या घुसपैठ, की जानकारी देना, देश की सुरक्षा को मजबूत करता है। आज के युग में सीमा सुरक्षा में तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है। ड्रोन, सैटेलाइट निगरानी, और स्मार्ट फेंसिंग जैसे उपकरण सीमा पर निगरानी को और प्रभावी बना रहे हैं। डेका ने कहा कि नागरिक के रूप में, हम तकनीकी नवाचारों को समर्थन दे सकते हैं और सरकार के डिजिटल सुरक्षा प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ के पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।


कचरे से कमाई की राह: रायपुर में बनेगा आधुनिक बायोगैस संयंत्र

No comments

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने सतत् और पर्यावरण हितैषी नीति को गति देते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस दिशा में आज रायपुर नगर पालिक निगम, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) एवं भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड (BPCL) के मध्य त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह एग्रीमेंट सतत योजना (SATAT & Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation)  के तहत नगरीय ठोस अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन हेतु किया गया है।

यह एग्रीमेंट छत्तीसगढ़ राज्य में सतत ऊर्जा उत्पादन एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ पर्यावरण और सतत विकास को प्राथमिकता दे रही है। सतत्  योजना के तहत कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना न केवल अपशिष्ट प्रबंधन में सहायक होगी, बल्कि रोजगार और हरित अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी।

ग्राम रांवाभाटा, रायपुर में प्रस्तावित संयंत्र 100.150 टन प्रतिदिन MSW संसाधित कर बायोगैस का उत्पादन करेगा। इसमें शत-प्रतिशत निवेश भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा, जिसकी लागत लगभग 100 करोड़ रुपए की होगी। संयंत्र के माध्यम से रायपुर सहित आसपास के नगरीय निकायों से लगभग 150 टन प्रतिदिन ठोस अपशिष्ट का उपयोग किया जाएगा।

इस संयंत्र से जुड़ी प्रमुख विशेषताएं

रोजगार सृजन - संयंत्र के संचालन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 30 हजार मानव दिवस प्रति वर्ष रोजगार सृजित होंगे। पर्यावरणीय लाभ संयंत्र के संचालन से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आएगी तथा राज्य Net Zero Emission लक्ष्य की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ेगा। आय और राजस्व पूर्ण क्षमता पर कार्यरत संयंत्र से राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ रुपए का जीएसटी प्राप्त होगा। जैविक खेती को बढ़ावा संयंत्र से सह-उत्पाद के रूप में प्राप्त जैविक खाद का उपयोग जैविक कृषि को प्रोत्साहन देगा। इससे पूर्व  2024 में भिलाई नगर पालिक निगम के साथ त्रिपक्षीय समझौता हो चुका है और 2025 में अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा, राजनांदगांव  धमतरी एवं बिलासपुर में कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र हेतु एमओयू निष्पादित किया गया है।

आज हुए एग्रीमेंट हस्ताक्षर कार्यक्रम में रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार, सीबीडीए के सीईओ सुमित सरकार, बीपीसीएल बायोफ्यूल्स प्रमुख अनिल कुमार पी, नगर निगम रायपुर कमिश्नर विश्वदीप समेत भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड और सीबीडीए के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

तहसीलदार निलंबित, शिकायतकर्ता को मृत दिखाकर किया गया था भूमि का अनुचित नामांतरण

No comments

रायपुर। जिला सूरजपुर के ग्राम कोयलारी, तहसील भैयाथान की निवासी शैल कुमारी दुबे द्वारा की गई गंभीर शिकायत पर कार्यवाही करते हुए, संभागायुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा ने तहसीलदार संजय राठौर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, आवेदिका शैल कुमारी दुबे ने 26 मई 2025 को शिकायत प्रस्तुत कर बताया कि तहसीलदार संजय राठौर द्वारा सांठगांठ कर उन्हें मृत दर्शाते हुए उनकी निजी स्वामित्व की भूमि (खसरा क्रमांक 45/3, रकबा 0.405 हे.) जिसका रिनंबरिंग में नया खसरा नंबर 344 है, जिसका अनुचित नामांतरण और विक्रय किया गया।

आवेदिका की शिकायत पर अपर कलेक्टर सूरजपुर एवं तहसीलदार लटोरी की संयुक्त टीम द्वारा जांच की गई। जांच रिपोर्ट के अनुसार संजय राठौर द्वारा जीवित आवेदिका को मृत बताकर उनकी भूमि का नामांतरण सौतेले पुत्र वीरेन्द्रनाथ दुबे के पक्ष में किया गया, जो कि प्रथम दृष्टया अनैतिक एवं नियम विपरित पाया गया।

प्रारंभिक जांच में राठौर को अपने पदीय दायित्वों के प्रति गंभीर लापरवाही और स्वेच्छाचारिता का दोषी पाए जाने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 का उल्लंघन माना गया है। फलस्वरूप कमिश्नर दुग्गा ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत नियम 9(1)(क) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन अवधि में राठौर को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी, तथा निलंबन अवधि के लिए उनका मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर, बलरामपुर-रामानुजगंज नियत किया गया है।

CG NEWS : प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी एल.पी. पटेल निलंबित

No comments

 नवा रायपुर । छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग ने अनुशासनहीनता और अमर्यादित आचरण को गंभीरता से लेते हुए सारंगढ़-बिलाईगढ़ के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी  एल.पी. पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह निलंबन छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के अंतर्गत किया गया है।


माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा मार्च 2025 में आयोजित हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी परीक्षाओं के दौरान जिले में कलेक्टर द्वारा गठित उड़नदस्ता दल में पटेल ने बिना अनुमोदन के बदलाव कर दिए थे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को धमकाने, अभद्र भाषा के प्रयोग और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने जैसे कृत्य किए। उनके इस आचरण पर कलेक्टर, सारंगढ़-बिलाईगढ़ द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसका उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया।

पटेल का यह व्यवहार छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 का उल्लंघन माना गया है। शासन ने उन्हें निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय कार्यालय, संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग बिलासपुर नियत किया है। जिला शिक्षा अधिकारी, रायगढ़ को सारंगढ़-बिलाईगढ़ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

छत्तीसगढ़ में 16 जून से शुरू होगा शाला प्रवेश उत्सव, मुख्यमंत्री साय ने जनप्रतिनिधियों से की सहभागिता की अपील

No comments

 रायपुर : छत्तीसगढ़ में आगामी 16 जून 2025 से नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होने जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के समस्त जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर “शाला प्रवेश उत्सव” में सक्रिय भागीदारी की अपील की है। यह आयोजन राज्य में शिक्षा के क्षेत्र को सशक्त बनाने और शत-प्रतिशत बच्चों का विद्यालयों में नामांकन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण अवश्य है, परंतु यह असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि “असंभव को संभव” बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर सार्थक प्रयास करने होंगे। इसके लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि कोई भी बच्चा विद्यालय से वंचित न रहे और सभी बच्चों का समय पर प्रवेश सुनिश्चित हो।

मुख्यमंत्री साय ने यह भी उल्लेख किया कि राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावशील है, तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि कक्षा 12वीं तक शाला त्याग दर को धीरे-धीरे शून्य किया जाए। इसके लिए शैक्षणिक अवरोधों को पहचानकर उन्हें दूर करने की जिम्मेदारी सभी हितधारकों की साझा है।

मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान: एक ठोस पहल

मुख्यमंत्री साय ने जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” की शुरुआत की जा रही है, जिसका उद्देश्य शासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारना है। इसके साथ ही, सरकार द्वारा शिक्षकों एवं विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण करते हुए शिक्षकविहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों में शिक्षकों की प्राथमिकता से पदस्थापना की गई है, जिससे शिक्षा का अधिकार हर बच्चे तक पहुंच सके।

अधोसंरचना विकास सरकार की प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में स्कूल शिक्षा क्षेत्र की अधोसंरचना और मूलभूत सुविधाओं के विकास को सरकार ने अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में रखा है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे शाला प्रवेश उत्सव के दौरान अपने-अपने क्षेत्रों में व्यक्तिगत सहभागिता करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा विद्यालय से बाहर न रहे।

सामाजिक सहभागिता से संवरता भविष्य

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे” इस परिकल्पना को साकार करने के लिए हम सभी को मिलकर परिणाममूलक कार्य करने होंगे। उन्होंने आशा जताई कि सभी जनप्रतिनिधि इस अभियान का नेतृत्व कर सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करेंगे और छत्तीसगढ़ को एक शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

शाला प्रवेश उत्सव को बनाएं जनअभियान

मुख्यमंत्री के इस पत्र को राज्य में शिक्षा को लेकर एक जनांदोलन की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इससे न केवल बच्चों की स्कूल तक पहुंच बढ़ेगी, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और सामाजिक सहभागिता को भी एक नई दिशा मिलेगी। प्रदेश सरकार के इस प्रयास से उम्मीद की जा रही है कि छत्तीसगढ़ शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करेगा और शिक्षा के माध्यम से सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण को गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री साय की अभिनव पहल: डिजीलॉकर के माध्यम से लाखों पेंशनरों को बड़ी राहत

No comments

 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शासकीय कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और डिजिटल सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते हुए उल्लेखनीय कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री साय की पहल पर राज्य के वित्त विभाग एवं पेंशन संचालनालय द्वारा डिजीलॉकर प्लेटफॉर्म के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक पेंशन भुगतान आदेश (ePPO) और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की डिजिटल उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। यह पहल राज्य सरकार के डिजिटलीकरण संकल्प की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।


राज्य के लगभग 3.61 लाख सरकारी कर्मचारी और 1.50 लाख पेंशनभोगी अब डिजीलॉकर के माध्यम से अपने जीपीएफ स्टेटमेंट, अंतिम भुगतान आदेश, पेंशन प्रमाण पत्र और पेंशन भुगतान आदेश जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों को कहीं से भी, कभी भी, सुरक्षित एवं प्रमाणिक रूप में प्राप्त कर सकते हैं। इस सुविधा से दस्तावेजों की फिजिकल प्रतियों पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी और कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर लगाने से भी राहत मिलेगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।

मुख्यमंत्री साय ने इस अभिनव पहल के सफल क्रियान्वयन के लिए पेंशन संचालनालय की तकनीकी दक्षता, दस्तावेजों के डिजिटलीकरण में की गई मेहनत तथा डिजीलॉकर प्लेटफ़ॉर्म के साथ किए गए समन्वय की सराहना की । यह कदम न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक सक्षम बना रहा है, बल्कि नागरिकों में विश्वास और संतोष भी बढ़ा रहा है।

यह पहल भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन की भावना के अनुरूप छत्तीसगढ़ की ओर से एक उदाहरण बनकर उभरी है। मुख्यमंत्री साय की इस पहल से पेंशनरों, कर्मचारियों और प्रशासन—तीनों को सीधा लाभ मिल रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने आज विमान हादसा स्थल का किया दौरा, शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं की व्यक्त : उप मुख्यमंत्री अरुण साव

No comments

 रायपुर। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने गुजरात अहमदाबाद में हुए हृदय विदारक विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले मृतकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और शोक संतप्त परिजनों को संबल प्रदान करने ईश्वर से प्रार्थना की है। डिप्टी सीएम साव ने कहा कि, अहमदाबाद में विमान हादसे की हृदय विदारक और दर्दनाक घटना हुई है। एयर इंडिया का विमान क्रैश हुआ है, इससे बहुत बड़ी क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि, हम सभी इस बड़ी दुर्घटना से दुखी है, स्तब्ध है, पूरा देश शोक संतप्त परिजनों के साथ खड़ा है।


उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि, दुर्घटना की सूचना के बाद प्रशासन ने तत्परता से कार्यवाही की है, देश के गृहमंत्री अमित शाह कल घटना की सूचना के बाद तत्काल पहुंचे, और आज माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना स्थल का दौरा किया, उन्होंने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की, उच्च स्तरीय बैठक भी की है। सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है।

साव ने आज रायपुर निवास कार्यालय में कहा कि, अहमदाबाद के विमान हादसे में पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय रूपाणी का भी दुखद निधन हुआ है। यह गुजरात सहित पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। श्री साव ने विमान हादसे में मृत 266 यात्रियों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों सहित देश भर के हम सभी शोकाकुल जनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की ।

उप मुख्यमंत्री साव ने विमान दुर्घटना पर राजनीतिक बयानबाजी पर कहा कि, कांग्रेस दर्दनाक घटना पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है। यह दुर्भाग्यजनक है। सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है। हादसे की उच्च स्तरीय जांच भी हो रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आयेंगे, उसके अनुसार कार्यवाही होगी। कांग्रेस को जांच रिपोर्ट आने तक सब्र करना चाहिए, कांग्रेस दुख की इस घड़ी में पीड़ितों के साथ खड़े होने के बजाए राजनीति कर रही है, यह उचित नहीं है।

छत्तीसगढ़ में चौंकाने वाला मामला: सास के 'बांझ' ताने से तंग बहू ने हथियार से किया सास का कत्ल

No comments

 रायपुर : छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक खौफनाक पारिवारिक विवाद ने दिल दहला दिया। सास को बार-बार "बांझ" कहने की सजा बहू ने मौत बनकर दी। धारदार हथियार से हमला कर बहू ने अपनी सास की हत्या कर दी।


वारदात के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और आरोपी की तलाश में जुट गई।

हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि महिला की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि उसकी अपनी बहू ने की थी। वारदात के बाद आरोपी बहू मौके से फरार हो गई थी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया था।इलाके के लोगों में इस घटना को लेकर सनसनी मची हुई है। परिजनों ने भी इस खौफनाक वारदात पर गहरा दुख जताया है।

कोतवाली पुलिस की लगातार खोजबीन के बाद आरोपी बहू को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में महिला ने बताया कि उसकी सास उसे रोज-रोज बांझ कहकर ताने मारती थी। मानसिक रूप से परेशान होकर उसने यह खौफनाक कदम उठाया।

Ahmedabad Plane Crash : "बस कुछ सेकंड और, मैं भी नहीं बचता" – इकलौते बचे रमेश विश्वास ने पीएम मोदी को सुनाई दहशत भरी दास्तान

No comments

 Ahmedabad Plane Crash : गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुए दर्दनाक विमान हादसे में अब तक 265 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे में केवल एक व्यक्ति रमेश कुमार विश्वास ही जीवित बच पाए हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल जाकर रमेश से मुलाकात की और उनकी स्थिति के बारे में जानकारी ली।


हादसे के बारे में बताते हुए रमेश विश्वास ने पीएम मोदी को कहा, रमेश कुमार विश्वास ने पीएम मोदी बताया कि विमान रनवे पर रफ्तार पकड़ रहा था, तभी कुछ अजीब-सा महसूस हुआ। 5-10 सेकंड के लिए सबकुछ थम-सा गया था। फिर अचानक ग्रीन और व्हाइट लाइट्स ऑन हो गईं और विमान ने तेजी से टेकऑफ किया, लेकिन कुछ ही देर में तेज धमाके के साथ हॉस्टल की इमारत से टकरा गया।

रमेश विश्वास ने बताया, मैं प्लेन के जिस हिस्से में बैठा था, वो निचले हिस्से से टकराया था। जिससे सीट सहित नीचे गिर गया और किसी तरह बाहर निकला। रमेश ने बताया कि उनका बायां हाथ बुरी तरह झुलस गया है, लेकिन जान बच गई। वह बताते हैं कि अगर कुछ सेकंड और देर होती तो शायद मैं भी बाहर नहीं निकल पाता।

रमेश विश्वास मूल रूप से भारत से हैं लेकिन ब्रिटेन के नागरिक हैं। वह अपने भाई अजय विश्वास के साथ इस फ्लाइट में यात्रा कर रहे थे। हादसे के बाद से अजय का कोई सुराग नहीं मिला है।

PM मोदी ने किया घटनास्थल का दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अहमदाबाद पहुंचकर हादसे की जगह का निरीक्षण किया। उन्होंने राहत एवं बचाव कार्य में लगे अधिकारियों से जानकारी ली और एक समीक्षा बैठक की। प्रधानमंत्री ने हादसे को अत्यंत दुखद बताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। साथ ही उन्होंने इस भीषण दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

श्वेत क्रांति में तेजी से भागीदार बनता धमतरी, दो महीने में दुग्ध संकलन 10 हजार लीटर प्रतिदिन पहुंचा, 15 हजार लीटर करने का लक्ष्य

No comments

 रायपुर : धमतरी जिला बड़ी तेजी से श्वेत क्रांति में भागीदार बनता जा रहा है। पिछले दो महीने में ही दुग्ध उत्पादन-संग्रहण में बड़ी बढ़ोत्तरी हुई है। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा के दुग्ध व्यवसाय को बढ़ाने, गौपालन को रोजगार का अतिरिक्त जरिए बनाने के प्रयासों से यह संभव हो सका है। दो महीने पहले जिले में प्रतिदिन केवल 6 हजार 410 लीटर दूध का संकलन किया जा रहा था, जो अब बढ़कर 10 हजार लीटर से अधिक हो गया है। जिले में दुग्ध व्यवसाय से ग्रामीणों को हर दिन फायदा पहुंचाने के लिए कई सुविधाएं भी दी जा रहीं हैं, जिससे उनका रूझान इस पुराने व्यवसाय की तरफ बढ़ता जा रहा है।


कलेक्टर  अबिनाश मिश्रा ने धमतरी जिले में दुग्ध व्यवसाय की बड़ी संभावनाओं को ध्यान में रखकर इसके लिए विशेष कार्य योजना तैयार कर काम शुरू किया है। जिले में अधिक से अधिक पशुपालकों को दुग्ध उत्पादक-संग्राहक समितियों से जोड़ा जा रहा है। जिले में मिल्क रूट की पहचान कर लोगों को दुग्ध उत्पादन- संग्रहण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। दो महीने पहले जिले में केवल 47 दुग्ध समितियां सक्रिय थीं, लेकिन जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग के मैदानी अमले के प्रयासों से अब जिले में 68 दुग्ध सहकारी समितियां कार्यरत है। इनके माध्यम से लगभग तीस हज़ार दुग्ध उत्पादक-संग्राहक जुड़े है। पिछले दो महीने में ही लगभग 20 नई समितियों का गठन किया गया है। इसी के साथ लंबे समय से अक्रियाशील समितियों को सक्रिय किया गया है। तेजी से समितियों के गठन और अक्रियाशील समितियों की छोटी-छोटी समस्याओं को सुलझाकर सक्रिय बनाने से अब दैनिक दुग्ध संग्रहण भी बढ़कर दस हज़ार लीटर से अधिक तक पहुँच गया है। जिला प्रशासन ने इसे लगभग पंद्रह हज़ार लीटर प्रतिदिन तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है।
दुग्ध समितियों को समय पर भुगतान नहीं हो पाने की समस्या से निपटने के लिए अब समितियों में माइक्रो एटीएम की सुविधा दी जाने लगी है। इससे दुग्ध उत्पादकों-संग्राहकों को अब उनके बैंक खातों में सीधे राशि मिलने लगी है और दुग्ध व्यवसाय के प्रति पशुपालकों का रुझान बढ़ा है। इसी के साथ नेशनल डेयरी विकास बोर्ड के माध्यम से जिले में दुग्ध समितियों को सशक्त करने का काम किया जा रहा है। सहकारी समितियों में एक दाम पर दुग्ध संग्रहण, चिलिंग प्लांट तक समय पर पहुंचाने से लेकर दुग्ध प्रोसेसिंग के लिए प्लांट तक पहुंचाने की मजबूत व्यवस्था भी की गई है। जिले में अभी सेमरा बी, भाठागाँव और मुजगहन में तीन दुग्ध चिलिंग प्लांट है इसके अतिरिक्त कुरूद क्षेत्र में चौथा प्लांट शुरू करने की तैयारी है, इसकी मंजूरी राज्य शासन में मिल गई है। जिले की गातापार ग्राम पंचायत में नव निर्मित दुग्ध प्रोसेसिंग प्लांट को भी जल्द शुरू करने की कोशिशें की जा रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में मिल्क रूट की पहचान कर पशुपालकों को भी कई सुविधाएं प्रशासन दे रहा है। पशुपालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनवाए जा रहे हैं। अब तक लगभग डेढ़ हजार प्रकरण तैयार कर पशुपालकों को आकस्मिक व्यय के लिए बैंकों से सहायता दिलाई गई है। इसके साथ ही 44 संस्थाओं में कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है, जिससे पशुओं की नस्लों में सुधार हुआ है और दूध उत्पादन भी बढ़ा है। जिले में मगरलोड और नगरी क्षेत्रों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़ने के लिए तेजी से नई समितियों का गठन करने का काम किया जा रहा है। नई समितियां गठित होने से धमतरी और कुरूद ही नहीं, बल्कि दूरस्थ मगरलोड और नगरी क्षेत्र के पशुपालक भी इस व्यवसाय से जुड़ेंगे ओर उन्हें अतिरिक्त लाभ होगा।

पशुपालन के लिए ग्रामीणों को विशेष तकनीकी मार्गदर्शन भी विभागीय विशेषज्ञों द्वारा दिया जा रहा है। पशु चिकित्सकों द्वारा कृमिनाशक दवापान, जूं-किलनी नाशक दवा छिड़काव आदि के साथ-साथ बीमा पशुओं का उपचार भी किया जा रहा है। पशु पालन में कम लागत तकनीक द्वारा पशुओं को पोषण उपलब्ध कराने और पैरा का यूरिया उपचार, चूना का उपयोग, घर के खाद्यान्नों और दूसरे उत्पादों से दुधारू पशुओं के लिए पौष्टिक दाना बनाने के तरीके, पशुओं से स्वच्छ दूध उत्पादन और जीवन में दूध के महत्व को भी लोगों को समझाया जा रहा है। जिले में दूध उत्पादन ना केवल पशुपालकों के लिए अतिरिक्त आय का साधन बन रहा है, बल्कि ग्रामीण परिवारों में पोषण स्तर के सुधार तथा सामाजिक-आर्थिक उन्नयन में भी सहायक साबित हो रहा है। जिला प्रशासन, पशुपालन विभाग और दुग्ध समितियों का यह समन्वित प्रयास धमतरी जिले को इस क्षेत्र में अग्रणी रूप में स्थापित करेगा।

धमतरी में दुग्ध उत्पादन की असीमित संभावनाएं, प्रशासन हरसंभव मदद करेगा-कलेक्टर  मिश्रा
कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने सभी दुग्ध उत्पादक पशुपालकों और संग्राहकों के प्रयास से जिले में दूध का उत्पादन बढ़ने पर बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि सभी को धमतरी जिले को श्वेत क्रांति का भागीदार बनाना है। धमतरी जिले में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन की असीमित संभावनाएं है। इससे पशुपालकों और अन्य ग्रामीणों को कम लागत में रोजगार का अतिरिक्त साधन मिल सकता है। सभी पशुपालकों को इस अभियान से जुड़ना चाहिए और दुग्ध व्यवसाय को संगठित रूप से संचालित कर फायदा कमाना चाहिए।

युक्तियुक्तकरण नीति: कबीरधाम जिले के 12 स्कूलों में वाणिज्य विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति

No comments

 रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन की युक्तियुक्तकरण नीति ने कबीरधाम जिले के विद्यार्थियों के भविष्य को एक नई दिशा दी है। इस नीति के तहत अब स्कूलों में विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है, जिससे छात्रों को उनकी कक्षा और विषय के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में गणित, विज्ञान, रसायन और वाणिज्य जैसे प्रमुख विषयों के लिए योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। यह पहल न केवल शिक्षण व्यवस्था को संतुलित कर रही है, बल्कि ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी शिक्षा के समान अवसर प्रदान कर रही है। महत्वपूर्ण विषयों में शिक्षकों की तैनाती से छात्रों की पढ़ाई में आ रही बाधाएँ अब दूर होगी।


शासन की मंशा है कि शहरी ही नहीं, बल्कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी उनकी रुचि और आवश्यकता के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो। इसी उद्देश्य को केंद्र में रखते हुए कबीरधाम जिले के 12 शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में वाणिज्य विषय के लिए विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खैरबनाकला, रेंगखार कला, रामपुर, गेंदपुर, सिलहाटी, सूरजपुरा वन, नवघटा, कुकदूर, खैरझिटी पुराना, पलानसरी, पंडरिया और सिंघारी के स्कूल में वाणिज्य विषय के लिए विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इन विद्यालयों में अब बच्चों को न केवल बेहतर शिक्षण सुविधा मिलेगी, बल्कि उन्हें विषय की गहरी समझ और मार्गदर्शन भी प्राप्त होगा।

स्कूलों में विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति से छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। पहले जहां कई विद्यालयों में एकल शिक्षक के कारण विषय विशेष की शिक्षा बाधित हो रही थी, अब युक्तियुक्तकरण के तहत हर विषय के लिए योग्य शिक्षक उपलब्ध कराए जा रहे हैं शासन की यह नीति केवल शिक्षकों के युक्तिकरण की योजना भर नहीं है, बल्कि यह एक दूरदर्शी और क्रांतिकारी प्रयास है, जो शिक्षा के क्षेत्र में संतुलन, पारदर्शिता और प्रभावशीलता लाने का कार्य कर रही है। इससे शिक्षा व्यवस्था न केवल सुदृढ़ होगी, बल्कि परिणाममुखी भी बनेगी, जिसका प्रत्यक्ष लाभ छात्रों को मिलेगा। इस नीति का सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण अंचलों के विद्यार्थियों को मिलेगा, जो अब तक संसाधनों की कमी और शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण पिछड़ रहे थे। विशेषज्ञ शिक्षकों की तैनाती से अब यह विद्यार्थी भी प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में न केवल भाग ले सकेंगे, बल्कि सफलता भी अर्जित करेंगे।

सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन के लिए 17 जून से रायपुर में शुरू होगी काउंसिलिंग

No comments

 रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 30 अप्रैल 2025 को जारी आदेश क्रमांक एफ 2-19/2024/20-तीन के तहत सेवा से समाप्त किए गए बी.एड. अर्हताधारी सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।


इस निर्णय के तहत समायोजन की प्रक्रिया ओपन काउंसिलिंग के माध्यम से की जाएगी, जो दिनांक 17 जून 2025 से 26 जून 2025 तक प्रतिदिन शासकीय शिक्षा महाविद्यालय परिसर, शंकर नगर, रायपुर में आयोजित की जाएगी।

कुल 2621 अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में सम्मिलित किया गया है। इन अभ्यर्थियों के समायोजन हेतु राज्य के 29 जिलों के स्कूलों में 2621 रिक्त पद निर्धारित किए गए हैं। काउंसिलिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए इसे दो पालियों में आयोजित किया जाएगा। प्रथम पाली में 150 एवं द्वितीय पाली में 150 अर्थात प्रतिदिन कुल 300 अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग होगी।

काउंसिलिंग में सम्मिलित होने वाले सभी अभ्यर्थियों की सूची स्कूल शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट
https://eduportal.cg.nic.in/ पर उपलब्ध है। उप संचालक लोक शिक्षण संचालनालय ने अभ्यर्थियों से आग्रह किया है कि वे निर्धारित समय पर आवश्यक दस्तावेजों सहित काउंसिलिंग स्थल पर उपस्थित रहें।

© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.