Amarnath Yatra 2025 : पहलगाम आतंकी हमले के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच, वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था आज बुधवार को जम्मू से रवाना हो गया. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई. सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की करीब 600 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है, जो यात्रा सुरक्षा के लिए अब तक की सबसे बड़ी तैनाती है.
अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना होने वाले श्रद्धालु बम बम भोले की जयकारा लगाते हुए बाबा के दर्शन को रवाना हुए हैं. TV9 भारतवर्ष से बात करते हुए श्रद्धालुओं का कहना है कि हमें बाबा ने बुलाया है. इसलिए हम यहां आए हैं. हम बिना डर और खौफ के यात्रा कर रहे हैं और बाबा से प्रार्थना करते हैं कि देश में सुख शांति बनी रहे.
कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 38 दिन की तीर्थयात्रा की शुरुआत कल 3 जुलाई से घाटी से 2 रास्तों से शुरू होगी. ये 2 रास्ते हैं अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम और गांदरबल जिले में छोटा (14 किलोमीटर) लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल रूट. इस यात्रा का समापन अगले महीने 9 अगस्त को होगा.
इससे पहले जम्मू के मंडलायुक्त रमेश कुमार ने कल मंगलवार को कहा था, “यात्रा का पहला जत्था कल भगवती नगर स्थित जम्मू बेस कैंप से कश्मीर के लिए रवाना होगा. इसे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा हरी झंडी दिखाएंगे.”
यात्रा की तैयारी को लेकर अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं को यातायात पाबंदियों, भारी सुरक्षा व्यवस्था और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहलगाम और बालटाल बेस कैंप तक पहुंचाया जाएगा. इस दौरान 2 जुलाई से 9 अगस्त तक अलग-अलग रूटों पर यातायात पाबंदियां लगायी जाएंगी. साथ ही लोगों को यात्रा को लेकर सलाह भी दी जाएगी.
जम्मू में भगवती नगर यात्री निवास देशभर से आए श्रद्धालुओं के लिए प्राइमरी बेस कैंप के रूप में काम करता है, इससे पहले कि वे दक्षिण कश्मीर के राजसी हिमालय में स्थित अमरनाथ के गुफा मंदिर की ओर बढ़ें. यात्रा की तैयारी को लेकर उपराज्यपाल ने एक उच्च स्तरीय बैठक में यात्रा के लिए सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा की. उपराज्यपाल श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष भी हैं.