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धरमाराम में पहला पक्का आवास: सुरक्षा कैंप ने बदली नक्सल प्रभावित गांव की तस्वीर

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 बीजापुर : नक्सलवाद का काला धुँध साफ होने के साथ नक्सल प्रभावित गाँवों में विकास की रोशनी पहुंचने लगी है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है बीजापुर जिले ग्राम पंचायत धरमारम, जहां आजादी के बाद पहला पक्का आवास बना है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला गुंडी बुचमा का पक्का आवास बनकर तैयार है।


पति की मृत्यु के बाद भी गुंडी बुचमा ने हिम्मत नहीं हारी आतंक और भय के माहौल में उसने अपने बेटे को शिक्षा से जोड़े रखा। वर्तमान में केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना में गुंडी बुचमा का आवास बनकर तैयार है। क्षेत्र में श्रीमती गुंडी बुचमा का आवास आजादी के 77 वर्ष बाद सच्ची आजादी का एहसास करा रही है।


गुंडी बुचमा के आवास की कहानी इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है चूंकि ग्राम पंचायत धरमारम माओवाद से प्रभावित गांव होने के कारण शासकीय योजनाओं का संचालन कठिन था। आजादी केे 77 वर्ष बाद भी आंतक और भय में ग्रामीण जीने को मजबूर थे। नक्सल प्रभाव के कारण ग्राम पंचायत में पानी, बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही थी।

गुंडी बुचमा एक अकेली महिला जो अपने बच्चे को खेती-बाड़ी कर पालन-पोषण कर रही थी। अपने बच्चे को दूसरे पंचायत में भेज कर 12वीं तक पढ़ाया, जो की उनके लिए एक उपलब्धि है।

गांव में सुरक्षा कैंम्प लगने के साथ माओवाद का अंधियारा भी छटने लगा। वित्तीय वर्ष 24-25 में ग्राम पंचायत के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी मिली। शुरूआत में ग्रामीण डर की वजह से आवास निर्माण करने में डर रहे थे। समय के साथ श्रीमती गुंडी बुचमा ने आवास का निर्माण प्रारंभ किया। वर्तमान में उनका पक्का छत वाला आवास बनकर तैयार हो गया है।

गुंडी बुचमा के पुत्र का कहना है कि माओवाद के डर से किसी तरह झोपड़ी में बिना बिजली, सड़क, पानी के जीवन कट रहा था। अब हमारा पक्का आवास बन गया है। सुरक्षा कैम्प लगने के साथ धीरे-धीरे परिस्थितियां बदल रही हैं। मैं शासन प्रशासन का धन्यवाद करता हूं।

भूपेश बघेल पर CBI ने कसा शिकंजा: महादेव सट्टा मामले में FIR दर्ज

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 रायपुर. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने महादेव बेटिंग एप मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरोपी बनाया है. इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें भूपेश बघेल छठवें आरोपी के रूप में नामित हैं. कुल 21 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिनमें महादेव एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल भी शामिल हैं.


CBI की एफआईआर में रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, असीम दास, सतीश चंद्राकर, चंद्रभूषण वर्मा और भीम सिंह को भी आरोपी बनाया गया है. एफआईआर में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरोपी नंबर 6 के रूप में नामित किया गया है. संभावना जताई जा रही है कि CBI जल्द ही उनसे पूछताछ कर सकती है.


पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आरोप है कि उन्होंने महादेव बेटिंग एप के प्रमोटरों से करीबी संबंध रखे और उन्हें संरक्षण दिया. CBI इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है. इस मामले के सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मच गई है, और विपक्ष ने निष्पक्ष जांच की मांग की है.

इस मामले की शुरुआत में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज की थी. बाद में राज्य सरकार ने इस केस को CBI को सौंप दिया, ताकि जांच को व्यापक स्तर पर किया जा सके और इसमें शामिल वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य आरोपियों की भूमिका स्पष्ट हो सके.

आज लोकसभा में पेश होगा वक्फ संशोधन बिल, सभी दलों ने जारी किया व्हिप

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 Waqf Bill: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर जारी बयानबाजी और विरोध-प्रदर्शनों के बीच सरकार जेपीसी की सिफारिशों के बाद केंद्र सरकार आज नए सिरे से इसे लोकसभा में पेश करेगी.


सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी अपने सांसदों को अगले तीन दिनों के लिए व्हिप जारी किए हैं. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में आयोजित कार्य मंत्रणा समिति यानि BAC की बैठक में इस विधेयक पर चर्चा के लिए आठ घंटे का समय तय किया गया है. हालांकि विपक्ष ने 12 घंटे का वक्‍त देने की मांग की थी, जिसे ठुकरा दिया गया. राज्यसभा में इस विधेयक पर गुरुवार को चर्चा होने की उम्मीद है.

क्या कहता है संसद का नंबर गेम

लोकसभा में 542 सांसदों में से 240 सदस्य बीजेपी के हैं वहीं एनडीए के कुल सांसदों की संख्या 293 है. बिल को पास करने के लिए 272 का नंबर होना जरूरी है. विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस के पास 99 सांसद हैं. वहीं विपक्ष की कुल संख्या 233 है. शिरोमणि अकाली दल और आजाद पार्टी के पास एक-एक सांसद हैं. इसके अलावा कुछ निर्दलीय सांसद भी हैं जो अभी तक अपना रुख सामने नहीं रखे हैं.

इसके अलावा राज्यसभा की बात करें तो अभी वहां 236 सदस्यों की संख्या है. जिसमें बीजेपी के पास 98 सांसद हैं. एनडीए गठबंधन के पास कुल 115 सांसद हैं. इसके अलावा 6 मनोनीत सांसद हैं जो लगभग सरकार के साथ रहते हैं. ऐसे में एनडीए यहां 121 की संख्या में है. बिल पास करने के लिए 119 की संख्या जरूरी है.

8 अगस्‍त को पहली बार किया था पेश

संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने आठ अगस्त 2024 को यह बिल लोकसभा में पेश किया था. उस वक्‍त बिल को लेकर जमकर हंगामा हुआ था. इसके बाद लोकसभा अध्‍यक्ष ने बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था. जेपीसी का अध्‍यक्ष भाजपा सांसद जगदंबिका पाल को बनाया गया. इस समिति ने एनडीए के घटक दलों की ओर से पेश 14 संशोधनों के साथ अपनी रिपोर्ट संसद में पेश की थी. वहीं विपक्ष की ओर पेश 44 संशोधनों को खारिज कर दिया गया. जेपीसी की रिपोर्ट के आधार पर संशोधित बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.

वक्‍फ संशोधन विधेयक का क्‍या है उद्देश्‍य 

  • वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के उद्देश्यों और कारणों के विवरण में कहा गया है कि वर्ष 2013 में अधिनियम में व्यापक संशोधन किए गए थे. इसमें कहा गया है, "संशोधनों के बावजूद यह देखा गया है कि राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और सर्वेक्षण, अतिक्रमणों को हटाने, वक्फ की परिभाषा सहित संबंधित मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए अधिनियम में अब भी और सुधार की आवश्यकता है."
  • इसमें कहा गया है कि 2013 में अधिनियम में संशोधन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राजिंदर सच्चर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों और वक्फ और केंद्रीय वक्फ परिषद पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर और अन्य हितधारकों के साथ विस्तृत परामर्श के बाद किया गया था.
  • विधेयक 2024 का एक प्रमुख उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 करना है.
  • वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का उद्देश्य स्पष्ट रूप से "वक्फ" को किसी भी व्यक्ति द्वारा कम से कम पांच वर्षों तक इस्लाम का पालन करने और ऐसी संपत्ति का स्वामित्व रखने के रूप में परिभाषित करना है, और यह सुनिश्चित करना है कि वक्फ-अलल-औलाद के निर्माण से महिलाओं को विरासत के अधिकारों से वंचित नहीं किया जाएगा.
  • विधेयक के अन्य उद्देश्यों में शामिल हैं, "उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ" से संबंधित प्रावधानों को हटाना; सर्वेक्षण आयुक्त के कार्यों को कलेक्टर या कलेक्टर द्वारा विधिवत नामित डिप्टी कलेक्टर के पद से नीचे के किसी भी अधिकारी को सौंपना; केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की व्यापक संरचना प्रदान करना और मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना और बोहरा और अघाखानियों के लिए अलग औकाफ बोर्ड की स्थापना का प्रावधान करना.
  • वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 का एक अन्य प्रमुख उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है, ताकि वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान किया जा सके। संशोधन विधेयक भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार करना चाहता है.
  • इसका उद्देश्य अधिनियम की कमियों को दूर करना और पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार तथा वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ाने जैसे बदलाव लाकर वक्फ बोर्डों की दक्षता बढ़ाना है.
 

स्वदेश पत्र समूह ने समाज में भारतीयता की भावना को पुष्ट किया : मुख्यमंत्री साय

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय विचार पत्रिका "स्वदेश" द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम "विमर्श" में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। "समय है अब मन की अयोध्या को सजाने का" विषय पर आयोजित इस विमर्श व्याख्यान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह  रामदत्त चक्रधर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे।


सह सरकार्यवाह चक्रधर ने अपने व्याख्यान में कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों एवं गुणों को मन में आत्मसात करना ही “मन की अयोध्या” को सजाना है। उन्होंने कहा कि केवल मन ही नहीं, बल्कि अपने परिवार, समाज, गांव और राष्ट्र को भी राममय बनाना है। उन्होंने श्रीराम के आदर्शों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका जीवन वचन-पालन, धैर्य, करुणा भाव, परामर्श, श्रेय, न्याय, अहंकार का त्याग, मित्रता और दूसरों के प्रति सम्मान एवं समभाव जैसे गुणों से परिपूर्ण था। इन गुणों को अपनाकर हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।

चक्रधर ने आगे श्रीराम के जीवन से जुड़ी घटनाओं के छोटे-छोटे उदाहरणों के माध्यम से उनके आदर्श गुणों को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि श्रीराम वचन के प्रति दृढ़ प्रतिज्ञ थे—राजतिलक की घोषणा के अगले ही दिन उन्होंने पिता दशरथ द्वारा दिए गए वचन के सम्मान में सहर्ष वनवास स्वीकार किया। इसी प्रकार उन्होंने हर सुख-दुख की परिस्थिति में धैर्य बनाए रखा, कभी भी अहंकार को अपने पास नहीं आने दिया और सभी के साथ समभाव रखते हुए सम्मान का आदर्श प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि इन गुणों को आत्मसात कर हम अपने मन, परिवार, समाज और राष्ट्र को सशक्त बना सकते हैं और 2047 के विकसित भारत की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं।

इस अवसर पर अयोध्या आंदोलन पर केंद्रित ग्रंथ "राम काजु कीन्हें बिनु" एवं छत्तीसगढ़ की लोक कला-संस्कृति पर आधारित पुस्तक का विमोचन मंच से किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य क्षेत्र के संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, स्वदेश पत्रिका समूह के संपादक अतुल तारे एवं प्रबंध संपादक यशवर्धन जैन मंच पर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में कहा कि स्वदेश पत्र समूह ने अपनी सात दशकों की अविरल यात्रा में समाज में भारतीयता की भावना को पुष्ट करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि स्वदेश समाचार पत्र आज भले ही नए कलेवर में है, लेकिन इसका इतिहास अत्यंत समृद्ध है। देश की आजादी के तुरंत बाद 1948 में अंत्योदय और एकात्म मानवतावाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की परिकल्पना से इस पत्र का प्रकाशन आरंभ हुआ। हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी भी इसके संपादक रहे।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वर्ष 1975 में जब देश में आपातकाल लागू हुआ, तब स्वदेश समाचार पत्र समूह के अधिकांश लोगों को जेल में डाल दिया गया। इसके बावजूद यह पत्र भारतीयता की भावना को लोगों तक पहुँचाता रहा और अडिग रहा। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की हत्या की गई और लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया। अनेक परिवार उजड़ गए। ऐसे मीसाबंदियों को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार ने सम्मान निधि देना प्रारंभ किया था, जो पिछले 5 वर्षों से बंद थी, जिसे हमारी सरकार ने पुनः प्रारंभ किया है। साथ ही विधानसभा में विधेयक लाकर यह सुनिश्चित किया गया है कि मीसाबंदियों को यह सम्मान राशि निरंतर मिलती रहे।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज का व्याख्यान विषय – "समय है अब मन की अयोध्या को सजाने का" – अत्यंत प्रासंगिक है। छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की भूमि है और भगवान श्रीराम को यहां भांजा कहा जाता है। उन्होंने कहा कि रामराज्य का अर्थ है—जनता की सेवा। हमारी सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर जनसेवा का कार्य कर रही है। भ्रष्टाचार के प्रति हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है। हम श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप रामराज्य की कल्पना को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह एवं मध्य क्षेत्र के संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना समूह संपादक श्री अतुल तारे ने रखी। आभार प्रदर्शन योगेश मिश्रा (स्थानीय संपादक) ने किया तथा संचालन शशांक शर्मा ने किया।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छत्तीसगढ़ प्रांत प्रचारक अभयराम, प्रांत संघचालक डॉ. टॉपलाल वर्मा, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, विधायक किरण देव, पुरंदर मिश्रा, सुनील सोनी, खुशवंत साहेब, पवन साय सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

रेत के अवैध परिवहन और भंडारण पर कड़ी कार्रवाई, चार दिनों में 14 वाहन जब्त

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 रायपुर : धमतरी जिले में रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण के मामले में जिला प्रशासन द्वारा विशेष अभियान संचालित कर इस काम में संलिप्त लोगों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है। खनिज विभाग द्वारा पिछले चार दिनों में 6 हाईवा, दो जेसीबी मशीन और 6 ट्रैक्टर जब्त किए गए हैं।


खनिज अधिकारी ने बताया कि नगरी तहसील के घटुला क्षेत्र में अवैध रेत परिवहन करते हुए एक महिंद्रा ट्रैक्टर जब्त कर सिहावा थाने में रखा गया है। वहीं, मगरलोड के ग्राम मेघा में पेट्रोल पंप के पास अवैध रेत भंडारण में उपयोग की जा रही एक जेसीबी मशीन और एक हाईवा को भी जब्त कर कुरूद मंडी परिसर में अभिरक्षा में रखा गया है।

इसी तरह, लीलर और कोलियारी क्षेत्र में अवैध रेत परिवहन में लिप्त 5 ट्रैक्टरों पर भी कार्रवाई की गई। लीलर गांव में रेत के अवैध भंडारण में संलग्न एक चैन माउंटेड जेसीबी मशीन को जब्त कर कलेक्टोरेट परिसर में रखा गया है। इसके अलावा, धमतरी तहसील के दोनर गांव में रेत का अवैध परिवहन करते हुए चार हाईवा जब्त किए गए हैं, जबकि सिहावा चौक के पास अवैध मुरूम परिवहन करते हुए एक हाईवा पर भी कार्रवाई की गई है। खनिज अधिकारी भारद्वाज ने बताया कि सभी जब्त वाहनों पर खान एवं खनिज अधिनियम तथा गौण खनिज नियमों के तहत अर्थदंड वसूली की कार्रवाई की जाएगी।

माँ पैथालॉजी लैब व ईसीजी संस्थान महासमुंद का सैम्पल संग्रहण केंद्र का शुभारंभ

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 महासमुंद । माँ पैथालॉजी लैब व ईसीजी संस्थान महासमुंद का खरोरा स्थित साईं मंदिर के बाजू में नए संग्रहण केंद्र का शुभारंभ हुआ। क्षेत्रीय विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने फीता काटकर शुभारंभ किया ।


इस दौरान लैब संचालक ललित कुमार चक्रधारी, नपा उपाध्यक्ष देवीचंद राठी, भाजपा नेता मुन्ना लाल साहू सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नेतागण और लैब स्टॉफ मौजूद रहे।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निर्माण कार्यों में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता - मुख्यमंत्री साय

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य शासन ने एक निर्णायक कदम उठाते हुए नक्सल प्रभावित सुकमा, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों में निर्माण कार्यों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु "जिला निर्माण समिति" के गठन की स्वीकृति प्रदान की है।


मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट कहा है कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनता के पैसे से चलने वाले कार्यों में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। इसी तारतम्य में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जिला निर्माण समिति के गठन के सम्बन्ध में आदेश जारी किया गया है। यह समिति निर्माण कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन के लिए गठित की गई है। समिति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर रहेंगे। जिले के पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत, डीएफओ, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री, जिला कोषालय अधिकारी एवं संबंधित कार्य के जिला प्रमुख अधिकारी समिति के सदस्य रहेंगे।

जिला निर्माण समिति का कार्य क्षेत्र संपूर्ण राजस्व जिला होगा।
कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति वर्तमान नियमों के तहत् सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी की जाएगी। जिला निर्माण समिति के माध्यम से किए जाने वाले कार्यों का निर्धारण जिला कलेक्टर द्वारा किया जायेगा। जिन कार्यों को 3 बार ऑनलाईन निविदा आमंत्रित करने के बाद भी, इच्छुक ठेकेदार उपलब्ध नहीं होने के कारण पूरा कराया जाना संभव न हो, ऐसे अत्यावश्यक तथा अपरिहार्य निर्माण कार्यों को जिला निर्माण समिति के माध्यम से कराया जायेगा। जिले के जो ब्लॉक गहन रूप से नक्सल प्रभावित नहीं है उनमें जिला निर्माण समिति के माध्यम से यथासंभव कार्य नहीं कराया जाने के निर्देश हैं। स्थानीय निधि जैसे की डीएमएफ/सीएसआर इत्यादि मद से कराए जाने वाले कार्यों में भी सर्वप्रथम कार्य एजेंसी जैसे की पीडब्लूडी/ आरईएस/पीएमजीएसवाई इत्यादि को ही क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया चाहिए ना की जिला निर्माण एजेंसी को। इन एजेंसी के द्वारा अगर कार्य निष्पादन नहीं हो पाता है, लगातार 3 बार निविदा में कोई भाग नहीं लेता है तब वैसी परिस्थिति में ही कार्य स्थानीय निधि से जो कराए जाने है, में जिला निर्माण एजेंसी को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया जा सकता है।

समिति के माध्यम से रूपये 10.00 करोड़ तक का कार्य कराया जा सकेगा। अपरिहार्य तथा अत्यावश्यक निर्माण कार्यों को जिला निर्माण समिति से कराये जाने के संबंध में ई-टेण्डर द्वारा निविदा आमंत्रित की जायेगी। जिला निर्माण समिति द्वारा एक कार्य को निर्माण की सुविधा की दृष्टि से दो अथवा दो से अधिक भागों में विभाजित किया जा सकेगा, जैसे-पुल-पुलियों के कार्य सहित सड़क निर्माण का कार्य स्वीकृत हो, तो सड़क कार्य के लिये अलग ठेकेदार तथा पुल-पुलियों के लिये अलग-ठेकेदार नियुक्त करने की छूट होगी। सड़क की लंबाई अधिक होने अथवा पुल-पुलियों की संख्या अधिक होने की स्थिति में सड़क को दो अथवा दो से अधिक भागों में बांटने तथा अलग-अलग पुल-पुलियों के लिये भी अलग-अलग एजेंसी नियुक्त करने की छूट होगी, किन्तु एक कार्य को छोटे-छोटे टुकडों में विभाजित करते समय समिति द्वारा इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि समग्र रूप से कार्य की गुणवत्ता एक जैसी रहे तथा अलग-अलग टुकड़ों में कराए गए कार्यों के लागत मूल्य में समानता रहे। यदि कार्य को अलग अलग-अलग टुकड़ों में कराया जाता है तो यह ध्यान रखा जाए कि विगत तीन वर्षों में जिले में विभिन्न विभागों के द्वारा कराए गए समान प्रवृत्ति के कार्य के दर से अधिक नहीं हो।

कार्यों का निरीक्षण, पर्यवेक्षण तथा मूल्यांकन का कार्य लोक निर्माण विभाग या कलेक्टर द्वारा निर्धारित किसी सक्षम तकनीकी अधिकारी के द्वारा किया जायेगा।

पारदर्शिता को मिलेगा संस्थागत ढाँचा: दरों की समुचितता और प्रतिस्पर्धात्मकता की जाएगी सुनिश्चित

निविदा स्वीकार करने वाला प्राधिकारी निविदाओं को स्वीकार करने से पहले दरों की उचितता के बारे में खुद को संतुष्ट करेगा। दरों की उचितता का आंकलन मुख्य रूप से उचित दरों के आधार पर किया जाएगा, निविदा स्वीकार करने वाला प्राधिकारी निविदाओं पर निर्णय लेते समय पिछले तीन महीनों की अवधि के भीतर बुलाए गए कार्यों की समान प्रकृति की निविदाओं की दरों का उल्लेख कर सकता है। समान कार्यों का अर्थ है प्रकृति, मात्रा, विनिर्देशों और स्थान में समान कार्य, जो बहुत करीब है।

दरों की उचितता की जांच के लिए औचित्य कथन तैयार किया जाएगा। इस विधि में श्रम, सामग्री, माल ढुलाई आदि की बाजार दरों को ध्यान में रखते हुए दरों का विस्तृत विश्लेषण तैयार करना शामिल है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह पहल न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाएगी, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास को गति देने के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर कठोर प्रहार भी करेगी।

राज्य शासन के विकास, विश्वास और पारदर्शिता के मूल सिद्धांतों को सशक्त करने की दिशा में मुख्यमंत्री साय की यह रणनीति एक निर्णायक कदम है।

कलेक्टर लंगेह ने ली समय-सीमा की बैठक

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 महासमुंद : कलेक्टर विनय लंगेह ने आज समय सीमा की बैठक लेकर विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में धान उठाव, राजस्व पखवाड़ा, पीएम जनमन योजना और मनरेगा में श्रम आधारित कार्य जैसे अहम मुद्दों की समीक्षा की गई। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक, अपर कलेक्टर रवि कुमार साहू, रविराज ठाकुर, एसडीएम हरिशंकर पैकरा सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे एवं वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अनुविभागीय एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी जुड़े थे।


कलेक्टर लंगेह ने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को समय पर कार्यालय आने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभारी अधिकारियों को समय-समय पर कार्यालयों के औचक निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। साथ ही किसी भी अधिकारी को बिना अनुमति मुख्यालय से बाहर नहीं जाने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्री लंगेह ने आगामी राजस्व पखवाड़ा की समीक्षा करते हुए भूमि संबंधी विवाद, नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा, ऋण पुस्तिका जारी करने, भू-अधिकार पत्र, जाति, निवास व आय प्रमाण पत्र सहित अन्य राजस्व मामलों का समाधान करने संबंधित राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए। राजस्व पखवाड़ा तीन चरणों में 07 से 21 अप्रैल तक, 13 से 27 मई तक और 16 से 30 जून तक आयोजित होगा। कलेक्टर श्री लंगेह ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस अवसर का लाभ उठाकर अपनी लंबित समस्याओं का निराकरण करवाएं। इस दौरान सभी आरआई, पटवारियों को मुख्यालय में रहने के निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर श्री लंगेह ने खाद्य विभाग और संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि धान उठाव की प्रक्रिया शीघ्रता से पूरी की जाए। वर्तमान स्थिति में 21 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव शेष है। इसी तरह ई-केवाईसी भी निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने प्रधानमंत्री जनमन योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इस योजना के लक्ष्यों को शीघ्रता से पूरा करें। विशेषकर जाति, आधार, आयुष्मान कार्ड आदि को शत प्रतिशत बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों पर आवारा मवेशियों के जमवाड़ा को सुरक्षित स्थानों पर रखने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा राजमार्गों और कनेक्टिंग सड़कों के बीच गति अवरोधक बनाने कहा है। कलेक्टर ने मदिरा दुकानों में अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस और आबकारी अधिकारी को टीम बनाकर समय-समय पर निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कार्यालयों में ई-ऑफिस क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए सभी विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों का डाटा शीघ्र जमा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी-कर्मचारी वाहन चलाते समय सीट बेल्ट और हेलमेट अनिवार्य रूप से पहनें।

कलेक्टर लंगेह ने मनरेगा के तहत अधिकतम श्रम आधारित कार्यों जैसे वाटर कंजर्वेशन के कार्यां को प्राथमिकता के साथ स्वीकृति देने के निर्देश दिए गए, जिससे ग्रामीणों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध हो सके एवं ग्रामीणों को बिना वजह पलायन न करना पड़े। विभिन्न सरकारी योजनाओं और समय सीमा पत्रकों की विस्तार से समीक्षा की गई। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे सभी योजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करें ताकि आमजन को इनका लाभ जल्द से जल्द मिल सके। बैठक में कलेक्टर ने सभी विभागों को कार्य में पारदर्शिता और तत्परता बनाए रखने का निर्देश दिया। इसके अलावा डिजिटल क्रॉप सर्वे, फर्मर रजिस्ट्रेशन, कार्यालयों के लिए भूमि आबंटन, आदि की विस्तार से समीक्षा की गई।

बसना के मुस्कान अग्रणी महिला फार्म प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को “केंद्र पोषित कृषि यांत्रिकीकरण पर सबमिशन“ योजना का मिला लाभ

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महासमुंद : कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देश और जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक के मार्गदर्शन में बिहान के अंतर्गत बिहान के सहयोग से एचडीएफसी बैंक सीएसआर एवं जीटी भारत के संयुक्त परियोजना, स्त्री पहल के अंतर्गत महासमुंद जिले के बसना ब्लॉक में स्थित मुस्कान अग्रणी महिला फार्म प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने “केंद्र पोषित कृषि यांत्रिकीकरण पर सबमिशन“ योजना के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की है।


इस योजना के तहत समूह की महिला द्वारा संचालित कंपनी को 14 लाख रुपये मूल्य की कृषि मशीनरी प्राप्त हुई है, जिसमें ट्रैक्टर, थ्रेशर, कल्टीवेटर, रीपर, सीड ड्रिल और हैंड स्प्रेयर शामिल हैं। एसबीआई बैंक, शाखा बसना के द्वारा, केंद्र पोषित कृषि यांत्रिकीकरण पर सबमिशन योजना के अंतर्गत कंपनी को 10 लाख रुपए के ऋण की वित्तीय सहायता दी गई साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा 8 लाख रुपए की बैक-एंड सब्सिडी भी मंजूर की गई है। ये मशीनें कस्टम हायरिंग सेंटर मॉडल के तहत एफपीसी सदस्यों को उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे किसान किफायती दरों पर आधुनिक उपकरण किराए पर ले सकेंगे।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सस्ते दर पर आधुनिक कृषि उपकरण प्रदान करना है, जिससे उनकी उत्पादकता और लाभप्रदता में वृद्धि हो सके। कंपनी के अध्यक्ष अंजना साहू ने बता या कि इस योजना का लाभ समूह से जुड़े 500 से अधिक महिला किसानों और अन्य छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा, जिससे उनके कृषक कार्य में लगने वाले समय और खर्च की बचत होगी और आधुनिक उपकरणों से खेती करने से उपज और मुनाफे में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी।

कंपनी के अध्यक्ष श्रीमती अंजना साहू ने बताया इस योजना का लाभ लेने में सभी निदेशकों का भरपूर समर्थन मिला। उन्होंने एसबीआई बैंक शाखा बसना के ब्रांच मैनेजर मोहम्मद शेख आदिल एवं सहायक मैनेजर समीर गुप्ता को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। जिन्होंने समय पर वित्तीय सहायता प्रदान की तथा कार्य को सुगम बनाया। इस योजना को जमीनी स्तर पर सफल बनाने के लिए कृषि अभियांत्रिकी विभाग रायपुर, एसबीआई बैंक, बिहान विभाग जिला महासमुंद एवं ब्लॉक स्टाफ बसना और जीटी भारत के क्लस्टर मैनेजर अंकित कुमार का विशेष सहयोग रहा है।

छत्तीसगढ़ के श्रमिकों के लिए बड़ी खबर, न्यूनतम वेतन और परिवर्तनशील महंगाई भत्ते की दरें जारी

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 रायपुर : श्रमायुक्त छत्तीसगढ़ शासन द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अंतर्गत 45 अनुसूचित नियोजनों, कृषि नियोजन एवं अगरबत्ती नियोजन में कार्यरत श्रमिकों के लिये महंगाई भत्ते का निर्धारण लेबर ब्यूरो शिमला द्वारा जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वर्ष में दो बार (01 अप्रैल एवं 01 अक्टूबर) किया जाता है।


श्रमायुक्त छत्तीसगढ़ शासन सुश्री अलरमेल मंगई डी. द्वारा विभिन्न अनुसूचित नियोजनों में कार्यरत् श्रमिकों के लिये 01 अप्रैल 2025 से परिवर्तनशील मंहगाई भत्ता निर्धारित की गई है। लेबर ब्यूरों शिमला से प्राप्त औद्योगिक सूचकांक में जुलाई 2024 से दिसम्बर 2024 के मध्य 11.40 बिन्दु की औसत वृद्धि हुई तदनुसार प्रति बिन्दु 20/- रूपये के मान से 45 अनुसूचित नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों के परिवर्तनशील महंगाई भत्ता में प्रतिमाह 228/- रूपये की वृद्धि की गई।

कृषि नियोजन में कार्यरत श्रमिकों हेतु लेबर व्यूरो शिमला से प्राप्त सूचकांक में 43 बिन्दु की औसत वृद्धि होने से 5/- रूपये प्रति बिन्दु के मान से 215/- रूपये प्रतिमाह परिवर्तशील महंगाई भत्ते में वृद्धि की गई। अगरबत्ती उद्योग में नियोजित श्रमिकों हेतु उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में औसत वृद्धि के आधार पर परिवर्तनशील महंगाई भत्ते 7.88 रूपये प्रति हजार अगरबत्ती निर्माण में निर्धारित की गई।

उक्त परिवर्तनशील महंगाई भत्ता में वृद्धि उपरांत अधिसूचित नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों को 01 अप्रैल 2025 से 30 सितंबर 2025 तक न्यूनतम वेतन की दरें निम्नानुसार देय होगी।

की दरें निम्नानुसार है -अनुसूचित सामान्य नियोजन के लिए निर्धारित न्यूनतम वेतन

उक्त प्रभावशील न्यूनतम वेतन की दरें छत्तीसगढ़ शासन, श्रम विभाग की वेबसाईट https://www.shramevjayate.cg.gov.in/
पर भी उपलब्ध है तथा इससे संबंधित पुस्तिका श्रमायुक्त कार्यालय, इन्द्रावती भवन, खण्ड-तीन, द्वितीय-तल, नवा रायपुर, अटल नगर से भी प्राप्त की जा सकती है।

मुख्यमंत्री साय ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मधुसूदन दास की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के महिला थाना चौक (मधुसूदन दास चौक) में उत्कल दिवस के अवसर पर महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बैरिस्टर मधुसूदन दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें सादर नमन किया।


मुख्यमंत्री साय ने उत्कल समाज और ओडिशा वासियों को दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री साय ने ओडिशा राज्य स्थापना दिवस (उत्कल दिवस) पर प्रदेश सहित देशभर में रह रहे उत्कल समाज के सभी बंधुओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह दिवस केवल ओडिशा के गठन का उत्सव नहीं, बल्कि संघर्ष, आत्मगौरव और सांस्कृतिक एकता की प्रेरणा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में उत्कल समाज के लोग निवास करते हैं, जो प्रदेश की सामाजिक समरसता और विविधता को सशक्त बनाते हैं।


बैरिस्टर मधुसूदन दास के योगदान को किया नमन

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बैरिस्टर मधुसूदन दास जैसे दूरदर्शी और समर्पित व्यक्तित्व के संघर्षों के कारण ही 1 अप्रैल 1936 को ओडिशा राज्य का गठन हुआ। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच सदियों से सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध रहे हैं। उन्होंने बताया कि महाप्रभु श्री जगन्नाथ को चढ़ने वाला भोग का चावल आज भी छत्तीसगढ़ से जाता है। विशेष रूप से देवभोग क्षेत्र का चावल, जो प्रभु के प्रसाद के रूप में उपयोग होता है, दोनों राज्यों के धार्मिक जुड़ाव का प्रतीक है।

महाप्रभु जगन्नाथ से प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना

मुख्यमंत्री साय ने महाप्रभु जगन्नाथ से छत्तीसगढ़वासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद हमेशा छत्तीसगढ़ पर बना रहेगा।

इस अवसर पर विधायक किरण देव, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक सुनील सोनी, महापौर मीनल चौबे, सभापति सूर्यकांत राठौर, संजय श्रीवास्तव, उत्कल समाज के सदस्य एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

विष्णु देव सरकार की सौगात, आज से छत्तीसगढ़ में पेट्रोल 1 रुपये सस्ता

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 रायपुर : विष्णुदेव साय सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए पेट्रोल के दाम में कटौती करते हुए नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में पेट्रोल प्रति लीटर 1 रुपए सस्ता करने की घोषणा की है, जो 31 मार्च को आधी रात से लागू हो गई है। इसके साथ ही रायपुर में अब पेट्रोल की कीमत घटकर 100.42 रुपए प्रति लीटर हो गई है। यह कटौती प्रदेशवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद हुई है।


राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के सभी शहरों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपए प्रति लीटर से ऊपर है। पेट्रोल की कीमत घटने से राज्य के आम लोगों को राहत मिलेगी। वहीं राज्य सरकार को राजस्व का घाटा होगा। वहीं, वाणिज्यक कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उपभोग बढ़ने से राजस्व नुकसान की भरपाई जाएगी।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 2025-26 के बजट में जनता को राहत देने पेट्रोल की कीमत में ₹1 प्रति लीटर की कमी की गई है, जिससे आम लोगों, किसानों और उद्योगों को लाभ होगा। इसके पहले सरकार ने बल्क में डीजल खरीदी पर वैट घटाकर 17% कर दिया था, जिससे परिवहन और कृषि कार्यों की लागत में कमी आई है।

तैयार रहें! अप्रैल में भीषण गर्मी, 17 राज्यों में IMD का लू अलर्ट जारी

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 Heatwave Alert : आज से अप्रैल की शुरुआत हो गई हैं वहीं अब इसके साथ ही हम गर्मी के महीने में आ चुके हैं। भारत में इस साल पहले के मुकाबले भीषड़ गर्मी पड़ने वाली हैं।


IMD ने बताया हैं कि अप्रैल के महीने से जून तक सामान्य से अधिक तापमान के चलते गर्मी सताएगी। जबकि भारत के मध्य-पूर्वी इलाके और उत्तर पश्चिम मैदानी इलाकों में सर्वाधिक गर्मी पड़ने की संभावना हैं। मौसम विभाग IMD ने कहा कि पश्चिमी और पूर्वी भारत के जगहों को छोड़कर देश के सभी हिस्सों में गर्मी का सितम जारी रहेगा। वहीं तापमान सामान्य से अधिक रहेगा।

वैसे तो भारत में अप्रैल से जून तक गर्मी पड़ती हैं। IMD के अनुसार उत्तर पश्चिम भारत में गर्मी के दिनों में बढ़ोत्तरी हो सकती हैं। इन क्षेत्रो में अमूमन 5 से 7 दिन गर्मी पड़ती हैं कई राज्यों में इस बार भीषण लू का प्रकोप भी देखने को मिल सकता हैं। राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में सामान्य से अधिक गर्मी देखने को मिलेगी।

पहले से भी ज्यादा सताएगी गर्मी

भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम से सामान्य से अधिक तापमान रहने का अनुमान हैं। इसके अलावा अगर बात करें दक्षिण, उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों की। तो कुछ इलाकों में मौसम सामान्य रहेगा। उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व में कुछ स्थानों को छोड़कर बाकि हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। यानी इस बार पहले के मुकाबले गर्मी ज्यादा सताने वाली हैं। 

Kisaan School : कृषि क्षेत्र में भारत के सभी राज्यों के किसानों को प्रशिक्षण देने जाएगी 'किसान स्कूल' की टीम, 10 अप्रेल को यूपी के सुल्तानपुर के किसानों को मुर्गी पालन का प्रशिक्षण देंगे रामाधार देवांगन

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जांजगीर-चाम्पा. बहेराडीह में स्थित भारत के पहले वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल के टीम भारत के अलग अलग राज्यों के किसानों के मांग पर ग्रामीण स्व रोजगार प्रशिक्षण संस्थान,आरसेटी की ओर से कृषि क्षेत्र में ट्रेनिंग देने जाएंगे, वहीं देश-विदेश के किसानों और कृषि क्षेत्र में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए किसान स्कूल वरदान साबित हो रहा है.


इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव और संरक्षक, समाजसेवी डॉ. सुरेश कुमार देवांगन ने बताया कि किसान स्कूल की स्थापना राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर 23 दिसंबर 2021 को भारत के अन्नदाताओं किसानों के सहयोग से किया गया है, जहां पर कृषि क्षेत्र में 18 प्रमुख विषयों पर किसानों को किसान स्कूल के टीम द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है. प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्णतः निःशुल्क रखी गई है. कृषि क्षेत्र में यहाँ पर जितने भी ट्रेनर हैं, वह सभी ट्रेनर छत्तीसगढ़ राज्य आरसेटी से सर्टिफाइड हैं, वहीं राज्य सरकार और भारत सरकार के द्वारा किसान स्कूल के ट्रेनरों को राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार से भी नवाजा गया है.

किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव ने बताया कि उनके टीम में कृषि क्षेत्र में जितने भी ट्रेनर हैं. वे सभी किसान स्कूल के अलावा छत्तीसगढ़ के जांजगीर चाम्पा समेत बस्तर, कोरिया, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर, कांकेर, बिलासपुर, रायपुर, महासमुंद, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़, जशपुर, सक्ती, कोरबा,धमतरी, सुकमा, मुंगेली, कवर्धा आदि जिलों में आरसेटी के साथ ही नाबार्ड, एनएसडीसी, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, रेशम विभाग, वन विभाग और एनजीओ के माध्यम से ट्रेनिंग दे रहे हैं. इसी तरह किसान स्कूल के ट्रेनर रामाधार देवांगन, एसएस ठाकुर, सावित्री पॉल,मोहन साहू छत्तीसगढ़ राज्य के अलावा मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, उड़ीसा, झारखंड, उत्तराखंड, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, बिहार राज्यों में पहुँचकर कृषि क्षेत्र में किसानों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि रामाधार देवांगन कोसा रेशम, बकरी पालन, मुर्गी पालन आदि विषयों के छत्तीसगढ़ राज्य आरसेटी की ओर से ट्रेनर और असेसर हैं. इसी प्रकार सावित्री पॉल डेयरी, वर्मीकम्पोस्ट और मछली पालन के सर्टिफाइड ट्रेनर और असेसर हैं, वहीं एस एस ठाकुर मशरूम उत्पादन समेत मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, मिलेट्स आदि विषयों के ट्रेनर हैं और किसान स्कूल के संचालक को अचार, पापड़, मसाला पाउडर निर्माण समेत सब्जी खेती, नर्सरी प्रबंधन, कृषि उद्यमी आदि विषयों के अलावा कई संस्थाओं से कृषि क्षेत्र में ट्रेनर और असेसमेंट हेतु असेसर के लिए अधिकृत हैं. किसान स्कूल के सभी ट्रेनर पीएम विश्वकर्मा के कई विषयों के ट्रेनर और असेसर के लिए अधिकृत किया गया है, जिसमें संतोष कुमार शुक्ला, जे बसवराज शामिल हैं.


10 अप्रैल को रामाधार देवांगन उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के आरसेटी में किसानों को मुर्गी पालन का प्रशिक्षण देने जाएंगे. इससे पहले वे बैकुंठपुर कोरिया जिले के उप जेल में बंदियों को मुर्गी पालन, सूरजपुर जिले के सुंदरपुर पंचायत में उन्नति प्रोजेक्ट के तहत किसानों को मुर्गी पालन का प्रशिक्षण संस्थान के डायरेक्टर महति बानरा, फैकेल्टी अरुण कुमार, पूनम यादव, रिंकी सिंह के सहयोग से प्रदान किया गया है. इसी तरह डेयरी वर्मीकम्पोस्ट और मछली पालन के ट्रेनर सावित्री पॉल जांजगीर चाम्पा समेत बीजापुर, जशपुर, कांकेर, सरगुजा,कोरबा में ट्रेनिंग और असेसमेंट कर चुके हैं, वहीं एस एस ठाकुर, संतोष कुमार शुक्ला, जे. बसवराज और दीनदयाल यादव, छत्तीसगढ़ के सभी आरसेटी और भारत के कई राज्यों में ट्रेनिंग और असेसमेंट करने का काम कर रहे हैं.

हीट वेव का प्रकोप: अप्रैल से तपिश बढ़ेगी, मानसून का पूर्वानुमान जारी

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 नई दिल्ली। भारतीय कृषि एवं अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी सूचना है कि ला-नीना के असर का डर खत्म हो गया है। प्रशांत महासागर के सतह पर इसकी स्थिति अत्यंत कमजोर है और अवधि बहुत छोटी रहने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि मध्य अप्रैल तक यह न्यूट्रल कंडिशन में आ जाएगा, जिसे मानसूनी बारिश के लिए अच्छा माना जाता है। अभी तक जो संकेत हैं, उसके मुताबिक मानसून का पहला चरण कमजोर नहीं होने जा रहा है। दूसरे चरण के मानसून का अध्ययन किया जा रहा है।


हीट वेव पर जानिए IMD पूर्वानुमान

भारत मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा अप्रैल के दूसरे हफ्ते में मानसून के आगमन और स्थिति का पूर्वानुमान जारी किया जाता है। फिलहाल आईएमडी ने सोमवार को अप्रैल से जून के मौसम, तापमान, हीट वेव और बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। साथ ही ला-नीना के अंत और असर का आकलन भी किया है।

आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार अप्रैल से जून के बीच देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रह सकता है। हालांकि इस दौरान उत्तर-पश्चिम के पहाड़ों एवं कुछ अन्य क्षेत्रों के न्यूनतम तापमान में ज्यादा वृद्धि नहीं होगी, लेकिन अधिकतम तापमान में वृद्धि संभव है। हीट वेव (गर्म लू) को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है।

उत्तर-पश्चिम के मैदानी भाग, मध्य भारत एवं मध्य-पूर्वी क्षेत्र के राज्यों जैसे बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश के कई इलाकों में गर्म हवाएं चल सकती हैं, जिसकी अवधि दो से छह दिनों तक हो सकती है। कहीं-कहीं यह अवधि दस दिनों तक हो सकती है।

हालांकि इस दौरान बारिश की स्थिति के भी सामान्य रहने की संभावना है। लगभग 88 से 112 प्रतिशत के बीच वर्षा हो सकती है। इसलिए जहां-जहां बारिश होगी, वहां के लोगों को हीट वेव से राहत मिलेगी। देश के कुछ हिस्सों में अत्यधिक बारिश से बाढ़ का खतरा भी बना रह सकता है। आईएमडी के मुताबिक वैश्विक जलवायु परिवर्तन के चलते भारत में पिछले तीन महीनों के दौरान तापमान की स्थिति असामान्य रही है। कभी अधिक गर्म तो कभी अचानक ठंड। हालांकि मार्च महीने में मौसम में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं रहा। पूरे महीने बारिश भी कम हुई, लेकिन गर्मी ने भी कोई रिकार्ड नहीं तोड़ा। किंतु अप्रैल में ऐसी स्थिति नहीं रह सकती है।

तीन अप्रैल के बाद दिल्ली समेत उत्तर भारत के तापमान में तेजी से वृद्धि हो सकती है। अधिकतम तापमान पांच से सात डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है और पहले हफ्ते में ही हीट वेव चलना शुरू हो सकता है। इस बीच देश के कई हिस्सों में स्थानीय कारणों से मानसून पूर्व की बारिश शुरू हो चुकी है।

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